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इस दिल की गहराई को कोई नापता नहीं। ज्यों आसमाँ की परिधि कोई मापता नहीं।। कितनी हसरतें पल रही है मन में, मन-समंदर में कोई झांकता नहीं। हर घड़ी खयालों में ...